उत्तराखंड

उत्तराखंड में जमीन धोखाधड़ी करने वालों की अब खैर नहीं, सरकार ने बढ़ाए SIT के अधिकार

जमीनों की धोखाधड़ी की जांच कर रही एसआईटी अब दोषियों के खिलाफ एफआईआर की संस्तुति भी करेगी। सरकार ने भूमाफिया पर शिकंजा कसने के लिए एसआईटी के अधिकारों को बढ़ा दिया है। एसआईटी धोखाधड़ी से इतर मिली शिकायतों को कमिश्नर की अध्यक्षता वाली लैंड फ्रॉड कमेटी या संबंधित अधिकारियों को भी भेजेगी। एसआईटी का कार्यकाल मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है।

गुरुवार को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि जमीनों की खरीदफरोख्त में फर्जीवाड़े रोकने के लिए सरकार ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के तहत तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी केस टू केस मामलों की जांच करेगी और साथ ही उनका निस्तारण भी करेगी। अब तक कमेटी केवल जांच ही किया करती थी। जमीन फर्जीवाड़ा रोकने को सरकार ने 25 जुलाई को एसआईका गठन किया था।

जमीनों के फर्जीवाड़े से जुड़ी 150 से ज्यादा शिकायतें अब तक एसआईटी को मिल चुकी हैं। एसआईटी भूमि अथवा संपत्ति के दस्तावेजों के पंजीकरण में हुई जालसाजी अथवा कूट रचना के मामलों, किसी अन्य व्यक्ति को भूस्वामी अथवा संपत्ति स्वामी दिखाकर अथवा स्वयं भूस्वामी व संपत्ति स्वामी बनकर किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति को खरीदने के लिए फर्जी कागजात बनाकर धनराशि हड़पने के मामले की जांच कर रही है। सुरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बनी एसआईटी में एआईजी अतुल शर्मा और दून के एडीएम वित्त इसके सदस्य हैं। पुलिस की ओर से सर्वेश पंवार एसआईटी से समन्वय के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।

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