आम चुनाव से करीब तीन महीने पहले जेडीयू ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी के अध्यक्ष रहे ललन सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी और फिर नीतीश कुमार को कमान मिल गई। इस फैसले के बाद जेडीयू को लेकर कयास लग रहे हैं। चर्चा यहां तक है कि नीतीश कुमार फिर से पाला बदलते हुए भाजपा के साथ सरकार बना सकते हैं। इसकी वजह यह मानी जा रही है कि ललन सिंह अंदरखाने राजद के साथ डील करना चाहते थे और तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे थे। ऐसे में कयास तेज हैं और पार्टी नेता केसी त्यागी के बयान ने इन्हें और बढ़ा दिया है।
शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में केसी त्यागी ने कहा कि भाजपा हमारी दुश्मन नहीं है। राजनीति में कोई भी दुश्मन नहीं होता। इस तरह केसी त्यागी ने खुलकर तो कुछ भी नहीं कहा, लेकिन एक हिंट जरूर छोड़ गए कि आवश्यकता पड़ने पर कुछ भी हो सकता है। यह भी संभव है कि जेडीयू की ऐसी बयानबाजी राजद पर दबाव बनाने की कोशिश हो, लेकिन इस बयान के कुछ मायने जरूर हैं। मीटिंग के बारे में बताते हुए केसी त्यागी ने कहा कि 4 राजनीतिक प्रस्ताव पारित हुए हैं। इनमें से एक प्रस्ताव यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर जाति गणना कराई जाए।
देश भर में जाति गणना की मांग के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाएगा और इसकी शुरुआत झारखंड से होगी। त्यागी ने कहा कि मीटिंग में प्रस्ताव पारित हुआ है कि नीतीश कुमार ही INDIA गठबंधन के साथ सीट शेयरिंग पर फैसले के लिए अधिकृत होंगे। ललन सिंह के पद से हटने पर पार्टी में किसी तरह के मतभेद से इनकार करते हुए त्यागी ने कहा कि हमारी पार्टी एकजुट है। उन्होंने कहा कि ललन सिंह और नीतीश कुमार में कोई मतभेद नहीं हैं। दोनों एक साथ हैं। यही नहीं इस बीच जेडीयू नेता ने नीतीश कुमार को INDIA अलायंस में विचारों का PM करार दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार INDIA अलायंस में विचारों के संयोजक हैं और पीएम हैं।